ऑक्सीजन मैन सिकंदर आलम बने दिव्यांगों की ताकत

- Reporter 12
- 09 Sep, 2025
मोहम्मद आलम
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सौ से अधिक दिव्यांगों के बीच
व्हीलचेयर और सामग्री वितरित,
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लोगों ने कहा यही हैं सच्चे जनसेवक ---------------------------------------
समस्तीपुर जिले के हसनपुर प्रखंड क्षेत्र से जिला परिषद प्रतिनिधि और ऑक्सीजन मैन के नाम से मशहूर मोहम्मद सिकंदर आलम ने एक बार फिर समाजसेवा की बुलंद मिसाल कायम की है। हसनपुर प्रखंड क्षेत्र में आयोजित भव्य कार्यक्रम में उन्होंने सौ से अधिक दिव्यांगजनों के बीच व्हीलचेयर समेत अनेकों जरूरी सामग्री का वितरण किया।इस मौके पर चारों ओर देशभक्ति और सामाजिक समरसता का माहौल देखने को मिला। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दिव्यांगजन, उनके परिजन और आम लोग उपस्थित थे। सभी ने तालियों की गड़गड़ाहट और नारेबाजी के बीच सिकंदर आलम का जोरदार स्वागत किया।
सिकंदर आलम का संकल्प
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिकंदर आलम ने कहा—
“मेरा जीवन लोगों की सेवा के लिए समर्पित है। समाज के सबसे वंचित, सबसे कमजोर और जरूरतमंद तक पहुंचना ही मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। दिव्यांगजन हमारे समाज की असली ताकत हैं। इन्हें सम्मान, अवसर और सुविधा देना मेरी जिम्मेदारी है। जब तक अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक मदद नहीं पहुंचेगी, तब तक मेरी सेवा अधूरी है।”
लोगों की भावनाएँ
सामग्री पाकर दिव्यांगों और उनके परिजनों की खुशी देखते ही बन रही थी। कई दिव्यांगों ने भावुक होकर कहा कि “आज तक किसी नेता ने हमारी इस तरह से सुध नहीं ली। जो काम सरकार को करना चाहिए, उसे हमारे जनप्रतिनिधि सिकंदर आलम कर रहे हैं। यही असली नेता और सच्चे जनसेवक हैं।स्थानीय लोगों ने भी कहा कि सिकंदर आलम का यह कदम उन्हें सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि समाजसेवा की पहचान बना रहा है।
कोरोना से लेकर अब तक सेवा का सिलसिला
गौरतलब है कि कोरोना संकट के दौरान जब हजारों लोग ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे थे, तब मोहम्मद सिकंदर आलम ने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से अनगिनत जिंदगियों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराकर बचाया। उसी दौर से वे “ऑक्सीजन मैन” के नाम से मशहूर हो गए।आज वही सिकंदर आलम लगातार अपने क्षेत्र के गरीब, वंचित और जरूरतमंद वर्गों के बीच राहत पहुंचा रहे हैं। चाहे शिक्षा की बात हो, स्वास्थ्य सुविधा की कमी या दिव्यांगों की मदद—हर मोर्चे पर वे सबसे आगे खड़े नजर आते हैं।
बढ़ता सामाजिक और राजनीतिक कद
विशेषज्ञों का मानना है कि सिकंदर आलम का यह कार्य न केवल सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि उनके राजनीतिक कद को भी मजबूती देता है। लोगों का कहना है कि अगर ऐसे ही सेवाभाव से वे आगे बढ़ते रहे, तो हसनपुर ही नहीं, पूरा समस्तीपुर जिला उन्हें “जनता का असली नेता” मानने लगेगा।
नई उम्मीद की किरण
सिकंदर आलम की इस पहल से दिव्यांगों के चेहरे पर मुस्कान लौटी है। उनकी यह कोशिश हसनपुर क्षेत्र में नई उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है।लोगों का मानना है कि “नेता तो बहुत आते-जाते रहते हैं, लेकिन सिकंदर आलम जैसा जनप्रतिनिधि समाज में बहुत कम होता है, जो हर दुख-दर्द में सबसे आगे खड़ा मिलता है।”
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